चंद्रयान-3 ने फिर से की सॉफ्ट लैंडिंग, जानिए पूरी खबर
चंद्रयान-3 ने फिर से की सॉफ्ट लैंडिंग, जानिए पूरी खबर

चंद्रयान-3 ने फिर से की सॉफ्ट लैंडिंग, जानिए पूरी खबर
इसरो ने एक बार फिर से अपने प्रयोग से दुनिया को चौंका दिया है। यह प्रयोग किसी योजना का हिस्सा नहीं था। इस प्रयोग से चंद्रयान 3 मिशन को एक नई दिशा मिल गई है।चंद्रयान-3 ने फिर से की सॉफ्ट लैंडिंग करके दुनिया को हैरान कर दिया है।
इसरो के चीफ एस. सोमनाथ ने बताया कि यह प्रयोग चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा नहीं था। इस प्रयोग को अचानक करने का फैसला लिया गया था।
दरअसल रविवार रात 9:00 बजे जब इसरो सेंटर में वैज्ञानिक विक्रम लैंडर को स्लीप मोड में भेज रहे थे, तब लैंडर के फिटनेस को जांच करते वक्त उसकी बैटरी चार्ज्ड 100% पायी गई। इसके अलावा लैंडर के थ्रस्टर में अच्छी मात्रा में ईंधन मौजूद थी। इसे देखकर वैज्ञानिकों के दिमाग में एक इनोवेटिव आइडिया आया कि क्यों ना एक बार थ्रस्टर को ऑन किया जाए। इसके बाद रात 2:00 बजे थ्रस्टर को ऑन किए गए। इसे ऑन करते ही लैंडर शिव शक्ति पॉइंट से 40 सेंटीमीटर ऊपर उठा और 40 सेंटीमीटर दूर जाकर सॉफ्ट लैंडिंग की। यह प्रयोग केवल 2 मिनट में हुआ। वैज्ञानिक भाषा में इस प्रयोग को होप टेस्ट कहते हैं। दुनिया में पहला होप टेस्ट 1967 में अमेरिकी यान सर्वेयर-6 द्वारा किया गया था। जिसमें यह चांद के सतह पर 4 मीटर ऊपर उठकर 2.5 मीटर दूर पश्चिम की ओर सॉफ्ट लैंडिंग की।
इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस होप टेस्ट ने भविष्य के बड़े चंद्र मिशन का रास्ता साफ कर दिया है। भारत चांद पर मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है, इस सिलसिले में लैंडर का चांद पर दोबारा लैंड करना महत्वपूर्ण प्रयोग है। आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत जापान के साथ मिलकर एक नए चंद्र मिशन की तैयारी कर रहा है जिसमें रोवर को वापस पृथ्वी में लाने की भी योजना बनाई जा रही है।
प्रयोग के बाद लैंडर को स्लीप मोड में भेज दिया गया है। आपको बता दे चांद पर अब रात शुरू हो रही है जो 14 दिनों तक रहने वाली है। चांद पर अगला सूर्योदय 22 सितंबर को होगी। इसके बाद सोलर पैनल से चार्ज होने के बाद लैंडर और रोवर फिर से एक्टिव हो सकते हैं।