झारखंड की 11 नाबालिग लड़कियों को बेंगलुरु में तस्करों से छुड़ाया गया
झारखंड की 11 नाबालिग लड़कियों को बेंगलुरु में तस्करों से छुड़ाया गया

भारत में मानव तस्करी बहुत जोरों पर चल रहा है अलग अलग राज्यों से नाबालिग लड़के और लड़कियों को प्रलोभन देकर दूसरे राज्य में ले जाकर बेच दिया जाता है या देह व्यापार जैसे कृत करवाया जाता है ऐसे ही एक घटना झारखंड से सामने आई है
जहां झारखंड से तस्करी कर कर्नाटक ले जाई गई 11 नाबालिग लड़कियों को बेंगलुरु में तस्करों के चंगुल से छुड़ाने में बड़ी कामयाबी मिली है। एक अधिकारी ने कल रात जानकारी दी कि ये लड़कियां पहड़िया समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जो एक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह है। अधिकारी ने कहा ‘पहड़िया समुदाय की 11 लड़कियों को तस्करों के चंगुल से बचाया गया है। उन्हें बेंगलुरु से वापस रांची लाया जाएगा।’ उन्होंने बताया कि ये सभी लड़कियां झारखंड के साहिबगंज और पाकुड़ जिले की रहने वाली हैं।
वहीं , राज्य सरकार ने बयान जारी कर बताया की , ‘मानव तस्करों द्वारा बड़े शहरों में नौकरी का झांसा देकर गरीब परिवारों के बच्चों को बेचे जाने के कई मामले सामने आए हैं। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में गठित मानव तस्करी विरोधी इकाई बच्चों को छुड़ाने के लिए तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है।’ ये भी कहा कि तस्करों के चंगुल से बचाए गए बच्चों के पुनर्वास के भी इंतजाम किए गए हैं। हाल ही में, झारखंड से तस्करी कर ले आई गई 13 नाबालिग लड़कियों को दिल्ली में बचाया गया था। इनमें 14 साल की एक गर्भवती लड़की भी शामिल थी। इससे पहले भी झारखंड और बिहार से ऐसी तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं। दलाल हमेशा नौकरी या बेहतर जिंदगी का लालच देकर नाबालिग बच्चियों को साथ ले जाते हैं और उन्हें देह व्यापार या फिर अंग तस्करों के हवाले कर देते हैं। इस मामले में हुई कार्रवाई को सरकार की ओर से बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।