देख रहा है न बिनोद – कैसे Dhanbad वाला एयरपोर्ट Deoghar में चला गया.. यह मीम हो रही है खूब वायरल।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवघर में एयरपोर्ट का शुभारंभ किया। तभी यह भी ऐलान किया कि जल्द बोकारो में भी एयरपोर्ट चालू होगा। इस ऐतिहासिक पल के गवाह धनबाद के सांसद पीएन सिंह भी थे। अब बोकारो उनके क्षेत्र में है। वे तो बोकारो में चालू होने वाले एयरपोर्ट का श्रेय भी नहीं ले पा रहे। अंदर की बात ये कि धनबाद के वोटर भड़के हुए हैं। कारण, धनबाद के बदले देवघर में एयरपोर्ट खुल गया। बोकारो की घोषणा से धनबाद की रही सही उम्मीद भी खत्म। धनबाद से बोकारो की दूरी मात्र 55 किमी है। बेचारे सांसद बोकारो का क्रेडिट लें भी तो कैसे। क्रेडिट लेते हैं तो धनबाद के लोग और खुन्नस खाएंगे। सो सांसद साहब ने चुप्पी का मंत्र अपनाया है। इंटरनेट मीडिया पर लोग अब सांसद को ट्रोल भी कर रहे हैं

- धनबाद के लोग यही नहीं रुके। अब हैशटैग धनबाद डिजर्व्स एयरपोर्ट की मुहिम रविवार को शुरू हुई और आज भी ट्रेंड में है। धनबाद से एयरपोर्ट छिन जाने का लोगों में बहुत गुस्सा है। नई सूची में भी नाम न आने का भी मलाल है। धनबाद के हर वर्ग ने इस हैशटैग के साथ खूब ट्वीट किया। अभी तक 12 हजार ट्वीट किया जा चुका है।
केंद्र और राज्य सरकार की लगातार उपेक्षा से नाराज धनबाद के लोगों ने ट्विटर पर धनबाद डिजर्व्स एयरपोर्ट हैशटैग के साथ हजारों ट्वीट कर धनबाद में एयरपोर्ट बनवाने की मांग की। हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की घोषणा में झारखंड में एयरपोर्ट के प्रस्तावित नामों में धनबाद का नाम नहीं होने बाद से ही लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा था। दर्जनों संगठनों से जुड़े सैकड़ों लोगों ने बढ़ चढ़कर ट्वीट किया।
धनबाद के बाहर दिल्ली, नोएडा, मुंबई, चेन्नई सहित अन्य जगहों पर रहने वाले धनबाद के प्रवासी लोगों ने भी धनबाद में एयरपोर्ट बनवाने की मांग रखी। लोगों में आक्रोश इस बात का था कि धनबाद के कोयले से देश रोशन होता है और धनबाद को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। धनबाद के हजारों छात्र देश के बड़े शहरों में पढ़ाई करते हैं, हजारों की संख्या में लोग देश विदेश में कार्यरत हैं। उन्हें धनबाद पहुंचने में कई बार 24 और 36 घंटे लग जाते हैं। कोल इंडिया, सिंफर, आइआइटी आइएसएम, डीजीएमएस, सीएमपीएफ, बीआइटी सिंदरी जैसे केंद्रीय महत्व के संस्थान होने के बाद भी साथ ही एसएनएमएमसीएच मेडिकल कॉलेज जैसे उच्च संस्थान, हर्ल, एमपीएल जैसी बड़ी आद्योगिक इकाइयां होने के बाद भी धनबाद को नजरअंदाज किया जाता रहा है। गौरतलब है कि धनबाद में दो जगहों पर एयरपोर्ट के लिए सरकार ने जमीन भी अधिग्रहित कर रखी है।
इस तरह के किए जा रहे ट्वीट मनोज कुमार सिंह : धनबाद को एम्स नहीं मिला, एयरपोर्ट नहीं मिला, स्टेडियम नहीं मिला, फ्लाईओवर नहीं मिला, जो धनबाद देश को रौशन करता है, आज वो खुद अंधेरे में रहता है। अब धनबाद मांगे एयरपोर्ट। आफताब वारसी : धनबादियन वांटस टू फ्लाई, हाई इन द स्काई। लिसन टू आवर क्राई, एटलीस्ट गिव इट इट ट्राई। पूजा रत्नाकर : धनबाद को एयरपोर्ट दे दें, बदले में इस वर्ष का हमारा वोट ले लें। आशीष मिश्रा : आइआइटी, बीआइटी, राजस्व सृजन में भारत में नंबर एक रेलवे स्टेशन, भारत की कोयला राजधानी। धनबाद में हवाई अड्डे को छोड़कर सब कुछ है। झारखंड में दूसरी सबसे बड़ी आबादी धनबाद की है, इसके लिए हम हवाई अड्डे की मांग करते हैं। सीमा : केंद्र और राज्य दोनों मिलकर हम धनबादवासी को छल रहे हैं, एक एयरपोर्ट के लिए आप हाथ मल रहे हैं।