NCERT किताबों से हटाया गया मुगल दरबार का चैप्टर, NCERT डायरेक्टर ने बताया वजह
NCERT किताबों से हटाया गया मुगल दरबार का चैप्टर, NCERT डायरेक्टर ने बताया वजह

12वीं कक्षा के इतिहास समेत कई विषयों की पाठ्यपुस्तकों में बदलाव कर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कुछ चैप्टर हटा दिए हैं, जिनको लेकर अब विवाद हो गया है। इस मसले पर हो रहे राजनीतिक हमलों के बीच एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोविड महामारी के बाद पिछले साल हर विषय में एक्सपर्ट कमिटी बनाई गई थी ताकि बच्चों पर पाठ्यक्रम का बोझ कम किया जा सके। एक्सपर्ट कमिटी ने हर विषय के कंटेंट को देखा और उसके बाद यह तय किया गया कि कौन-कौन से चैप्टर हटाए जाने हैं। उन्होंने कहा कि यह सब शैक्षणिक प्रक्रिया के तहत हुआ है। एनसीईआरटी की तरफ से किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि केवल मुगल इतिहास की ही बात क्यों की जा रही है, गणित, विज्ञान, भूगोल समेत सभी विषयों में कंटेंट कम किया गया है। जहां तक मुगल इतिहास के बारे में बात की जा रही है तो छात्र अगर एक कक्षा में पढ़ते हैं तो उसी बारे में दूसरी कक्षा में पढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है।
एनसीईआरटी निदेशक ने कहा कि पिछले साल करीब तीन महीनों तक सभी को बताया गया था कि कंटेंट को हटाने की क्या प्रक्रिया अपनाई गई है और कौन से चैप्टर हटाए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में पूरे देश को विश्वास में लिया गया था और सब लोग इससे सहमत थे। अब यह बात समझ से परे है कि लोग इस मुद्दे को दोबारा क्यों उठा रहे हैं? जब भी जरूरत महसूस होती है तो इस तरह के संशोधन किए जाते हैं।
एनसीईआरटी निदेशक प्रो. सकलानी ने कहा कि अभी भी छात्र मुगलों के बारे में पढ़ रहे हैं। कक्षा 7 में भी चैप्टर है और कक्षा 12 में भी है। ऐसे में यह कहना कि पूरे मुगल इतिहास को सिलेबस से हटा दिया गया है, यह ठीक नहीं है। एनसीईआरटी एक स्वतंत्र बॉडी है और बिना किसी दबाव के काम करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब 2024 के लिए नई किताबें बनाने का सिलसिला शुरू हो रहा है और नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के आधार पर पहले सिलेबस तैयार होगा और फिर नई किताबें आएंगी। उनका कहना है कि कोविड के बाद पूरे देश से यह मांग उठ रही थी कि हर विषय के कंटेंट को कम किया जाना चाहिए। कोविड महामारी के दौरान बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हुआ था। लोग इसे मुद्दा क्यों बना रहे हैं, यह समझ से परे है। कोरोना के दौरान स्कूल बंद रहे, क्लासेज नहीं हुईं और समय का भी काफी नुकसान हुआ। एक्सपर्ट कमिटी ने ऐसे विषयों को हटाया है, जो बच्चों ने पहले कहीं न कहीं पढ़े हैं। कंटेंट रिपीट हो रहा था और यह एक सामान्य प्रक्रिया भी है। इस बार कोरोना के कारण इस प्रक्रिया के तहत कंटेंट का बोझ कम करना जरूरी था और इसी आधार पर यह किया गया है