झारखंड की खबरे

कांवरिये से राजनीतिक बात करते हुए वायरल हुए देवघर उपायुक्त।विपक्ष ने कार्रवाई की कि मांग

देवघर उपायुक्त मंजू नाथ भजंत्री का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा हैं।वीडियो में उपायुक्त एक कावरिया से बात करते नजर आ रहे है।जलार्पण के बाद मंदिर से बाहर निकले एक कावरिया से उनके यात्रा का हाल चाल पूछते ये वीडियो जम कर वायरल होने लगा।और वायरल होने के साथ ही उपायुक्त पर राजनीतिक प्रहार भी शुरू हो गया।और उपायुक्त मंजू नाथ भजंत्री एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे है।

क्यों हुआ विवाद।

 

दरअसल वीडियो में बात करते हुए कांवरिया उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को बताते हैं कि बिहार का 90 किलोमीटर तक का सफर आसानी से कट जाता है। लेकिन झारखंड के 10 किलोमीटर तक का सफर दुखदाई होता है।कावरिया उपायुक्त से बालू की शिकायत करते नजर आते है।पर उपायुक्त महोदय को झारखण्ड का ये शिकायत बरदास्त नही होता हैं और उपायुक्त उस कावरिया से पूछ जाते है कि आप किस जगह से है।वीडियो में जिले का नाम स्पस्ट तो नही हो पाता हैं पर शायद कावरिया चतरा का नाम लेते है।
औऱ उसके बाद उपायुक्त का अगला सवाल उन्हें विवादों में डाल देता हैं।
उपायुक्त कावरिया से दूसरा सवाल करते हैं कि आप किस पार्टी से है?
पार्टी का नाम सुनते ही कांवरिया कहते हैं कि वह किसी पार्टी से नहीं है उन्हें तकलीफ हुई तो वह बता रहे हैं। उपायुक्त कहते है कि राजनीति छोड़ दीजिए।
और फिर उपायुक्त उनका साथ छोड़ पीछे चले जाते हैं।

 

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने की कार्रवाई की मांग!

 

जिसके बाद से वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लग जाता है वायरल होने के बाद नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी इस वीडियो को शेयर करते हुए देवघर उपायुक्त पर कार्रवाई की मांग करते हैं।

बाबूलाल ट्वीट करते हुए लिखते है कि
“बाबा धाम आने वाले शिव भक्त कांवरियों की व्यथा पर वहाँ के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की यह राजनैतिक अमर्यादित भाषा हैरान करने वाला है। यह उपायुक्त शुरू से विवादास्पद रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी, इन्हें नौकरी से इस्तीफ़ा दिलवाकर अपने दल का कार्यकारी अध्यक्ष बना दीजिये”

बाबूलाल एक और ट्वीट करते हुए लिखते हैं कि

“देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को शिवभक्त कावंरियों की पीड़ा और आपबीती में राजनीति दिख रही है।

ऐसे अधिकारियों के कारण नौकरशाही की बदनामी होती है।

मुख्यमंत्री जी इन्हें निलंबित कर कठोर कार्रवाई करिये।

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