राजनीति

8 दौरे, 19 रैलीयां, 6 रोड शो और करोड़ों पब्लिसिटी प्रमोशन के बावजूद आखिर क्यों हारी बीजेपी कर्नाटक चुनाव ?

8 दौरे, 19 रैलीयां, 6 रोड शो और करोड़ों पब्लिसिटी प्रमोशन के बावजूद आखिर क्यों हारी बीजेपी कर्नाटक चुनाव ?

8 दौरे, 19 रैलीयां, 6 रोड शो और करोड़ों पब्लिसिटी प्रमोशन के बावजूद आखिर क्यों हारी बीजेपी कर्नाटक चुनाव ?

 

TEAM_JILLATOP : 8 दौरे, 19 रैलीयां, 6 रोड शो और करोड़ों पब्लिसिटी प्रमोशन के बावजूद कोई ऐसी पार्टी जो ये दावा करती है की वो विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, और वो एक विधानसभा चुनाव हार जाये तो सवाल उठना लाजमी है l कर्नाटक विधानसभा
चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैँ l पिछले पांच अलग में ये पहला मौका है ज़ब कांग्रेस देश के किसी विधानसभा चुनाव में इतने प्रचंड बहुमत से चुनाव जीती हो l

कितनी बड़ी है ये जीत

224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस 136 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई l भाजपा 65 पर सिमटी और जेडीएस 19 सीटों पर हीं कामयाब हो पायी l
2024 आम लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव को बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए हीं अग्नि परीक्षा माना जा रहा था l और ऐसेमे जो करारी हार का सामना बीजेपी को कर्नाटक चुनाव में करना पड़ा है उसे कहीं ना कहीं देश कि जनता 2024 लोकसभा चुनावों से भी जोड़ कर देख रही है l

इन कारणों से हारी बीजेपी कर्नाटक चुनाव

1. आंतरिक कलह बड़ी वजह

बी एस येदुरप्पा, जगदीश शेटर और लक्ष्मण सावदी, ये तीनो ऐसेनाम हैँ जिनकी नाराजगी और पार्टी का इनके तरफ ज्यादा ध्यान ना देना बीजेपी की चुनावी हार का बड़ा कारण रहा l बात बी एस येदुरप्पा की करें तो लिंगायत समाज में येदुरप्पा का बहुत नाम है l ज़ब येदुरप्पा मुख्यमंत्री पद से हटाए गए तब से ये एक आंतरिक कलह का बड़ा कारण बन कर उभरे l
कुछ दिनों पहले हीं जगदीश शेटटर का भी बीजेपी से जाना बीजेपी को भारी पड़ गया l और लक्ष्मण सावदी जो की पूर्व में मुख्यमंत्री रह चुके हैँ उनको पार्टी ने नजरअंदाज कर दिया l

 

2. जातिवाद ले डूबा

चाहें बिहार हो बंगाल हो झारखण्ड या कर्नाटक बिना जातिवाद के कोई चुनाव सम्पपन हुआ हो ये हो हीं नहीं सकता l हालांकि हर ओरती ये जरूर कहती है की हम जाती पति की मोहमाया से ऊपर उठ चुकी पार्टी हैँ l कर्नाटक में भी यही हुआ l लिंगायत, वोक्कालिंगा और आदिवासियों के सामने बजे का जाती कार्ड नहीं चल पाया l समाज के बड़े बड़े नाम जैसे येदुरप्पा और अन्य की तरफ ज़ब बीजेपी का ध्यान थोड़ा कम हो गया तो आम जनता को भी ये समझते देर नहीं लगी की चुनाव में क्या खेला करना है l लिहाजा आदिवासियों पर बीजेपी की पकड़ कमजोर हुई और इसका सीधा फायदा कांग्रेस को हुआ l बीजेपी का जातीय समीकरण कमजोर पड़ा और obc वर्ग का खुला समर्थन कांग्रेस को मिला l बची खुची खुची कसर लिंगायत समाज ने पूरी कर दी l

नहीं चला मोदी कार्ड और कांग्रेस ने खेला भ्रस्टाचार का पावरप्ले

2022 की शुरुआत से ही कर्नाटक में कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ भ्रस्टाचार का मोर्चा खोल दिया l जिस IT CELL के खेल में बीजेपी को महारत हासिल है उसी का इस्तेमाल कर कांग्रेस ने ” 40% कमीशन वाली सरकार ” और ” paycm ” जैसे कैंपेन कर दिए l कर्नाटक के हीं एक बीजेपी विधायक और उनके बेटे के रिश्वतखोरी वाले मामले ने बीजेपी की छवि को कर्नाटक में चोट पहुंचाई l लिहाजा मोदी जी के 8 दौरे, 19 रैलीयां, 6 रोड शो और करोड़ों पब्लिसिटी प्रमोशन के बावजूद बीजेपी कर्नाटक चुनाव हार गयी l

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