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झारखंड होमगार्ड के लिए खुशखबरी, अब होमगार्ड को सिपाही के समान वेतन दिया जाएगा

झारखंड में होमगार्ड को एक सिपाही की तुलना में कम वेतन दिया जाता है। जबकि काम दोनों का समान ही रहता है। इसी बात पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि समान काम के लिए होमगार्ड सिपाही को भी समान वेतन मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा झारखंड सरकार इसे बिना किसी देरी के जल्द से जल्द लागू करें।

झारखंड होमगार्ड के लिए खुशखबरी, अब होमगार्ड को सिपाही के समान वेतन दिया जाएगा

Good news for Jharkhand Home Guard, now Home Guard will be given the same salary as a constable.

Jharkhand Home Guard: झारखंड होमगार्ड के लिए एक अच्छी खबर निकलकर आई है। झारखंड होमगार्ड को झारखंड पुलिस के सिपाही के समान ही वेतन दिया जाएगा। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस केवी के खंडपीठ ने झारखंड सरकार की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए यह आदेश दिया कि झारखंड होमगार्ड को समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने बिना किसी देरी के समान काम समान वेतन लागू करने का आदेश दिया।

 

झारखंड में होमगार्ड को एक सिपाही की तुलना में कम वेतन दिया जाता है। जबकि काम दोनों का समान ही रहता है। इसी बात पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि समान काम के लिए होमगार्ड सिपाही को भी समान वेतन मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा झारखंड सरकार इसे बिना किसी देरी के जल्द से जल्द लागू करें।

 

आपको बता दें इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने भी होमगार्ड के पक्ष में यह फैसला लिया था और इसे जल्द 3 महीने लागू करने का समय दिया गया था। लेकिन झारखंड सरकार ने 6 महीने का समय मांगा और उसके बाद भी इसे लागू नहीं किया गया। इतना ही नहीं सरकार ने हाई कोर्ट के विरुद्ध फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। हलांकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि हाई कोर्ट के आदेश का जल्द से जल्द पालन हो, बिना देरी किए जल्द इस नियम को लागू किया जाए।

सुनवाई के दौरान होमगार्ड संगठन के एडवोकेट अभयकांत मिश्रा ने कहा कि हाई कोर्ट के सिंगल और डबल बेंच ने झारखंड सरकार को समान काम का समान वेतन लागू करने को कहा था। हाई कोर्ट ने 3 महीने के भीतर इस नियम को लागू करने को कहा था। लेकिन झारखंड सरकार ने 6 महीने का समय मांगा। यह अवधि समाप्त होने के बाद भी इसे लागू नहीं किया गया। इसके बाद होमगार्ड संगठन के रवि मुखर्जी और राजीव तिवारी ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। इससे बचने के लिए झारखंड सरकार ने 4 महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की।

 

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार के एसएलपी को खारिज करते हुए यह आदेश दिया कि हाई कोर्ट के फैसले का जल्द से जल्द पालन हो। समान काम के लिए समान वेतन बिना किसी देरी के जल्द लागू किया जाए

 

सुप्रीम कोर्ट का इस फैसले से झारखंड के 20 हजार होमगार्ड को फायदा होगा। इस फैसले के बाद झारखंड के होमगार्ड ने जश्न मनाया क्योंकि काफी समय बाद यह फैसला लिया गया। झारखंड के होमगार्ड और झारखंड पुलिस के सिपाही दोनों का काम लगभग समान ही रहता है। लेकिन दोनों के वेतन में अंतर रहता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, अब झारखंड में समान काम के लिए समान वेतन दिया जाएगा।

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