बेटी के शादी के लिए दर दर की ठोकरें खा रही मां का सहारा बने बीडीओ गणेश रजक
बिरहोर,यानि समाज के अंतिम पांयदान पर बैठा वो समुदाय जिनके लिए भरपेट भोजन भी शायद ही नसीब होता है।

निजी खर्च से करवाया बिरहोर की बेटी की शादी
बिरहोर,यानि समाज के अंतिम पांयदान पर बैठा वो समुदाय जिनके लिए भरपेट भोजन भी शायद ही नसीब होता है। केन्द्र और राज्य मे बैठी सरकारे इनके उत्थान और कल्याण को लेकर पूरी तरह गम्भीर होती है। लिहाजा फिर भी समुदाय मे गरीबी,लाचारी और अशिक्षा जैसी चीजे ब्याप्त है। नतीजन बिरहोर समुदाय के अधिकांशतः लोग जंगलों और दिहाड़ी के सहारे अपनी जिंदगी काट रहे हैं।
ऐसी स्थिति मे परिवार मे किसी तरह के आयोजन का होना एक पहाड़ के जैसा होता है। ऐसा ही एक मामला चतरा जिले के सदर प्रखंड क्षेत्र से आया है। जहां अपनी बेटी के ब्याह मे मदद के लिए पन्द्रह दिनो तक प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रही थी। इसी दौरान जब सदर प्रखंड के बीडीओ गणेश रजक की नजर उस महिला पर पड़ी तो उन्होने उसके प्रखंड कार्यालय का रोजाना चक्कर काटने का कारण पूछा।
तब महिला ने बताया कि दो दिनो बाद उसकी बेटी की शादी है और उसके पास उसकी बेटी के शादी के लिए एक पैसे भी नही है। जिसके बाद बीडिओ ने अपने निजी कोष से 40 हजार रूपये देकर आर्थिक मदद किया साथ ही बीडियो ने अपने सहयोगी अधिकारियों को बिरहोर महिला के घर भेजकर उसकी बेटी के शादी को भी सफल करवाया। बीडियो के इस मानवीय और दोस्ताने हाथ के कारण लड़की के परिवार वाले ही नही बल्कि पूरा बिरहोर समुदाय धन्यवाद दे रहा है।
वही इस मामले को लेकर बीडीओ गणेश रजक कहते हैं कि एक लाचार और असहाय मां की हमने छोटी-सी मदद की है,लेकिन उस मां और परिवार के हमारा मदद हमारी सोंच से कही ज्यादा है। बीडीओ ने विवाहिता और उसके परिवार वालो को सरकार की अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओ की भी बात कही है।
बहरहाल बीडीओ के लाचार और असहाय बिरहोर मां के लिए किया गया मदद पूरे समाज के लिए मिसाल है।