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बिहार के 12 वर्षीय भवेश का झारखंड में हुआ अपहरण, साहेबगंज के अपहरणकर्ताओं ने मांगे 80 लाख !भवेश को पीरपैंती रेलवे स्टेशन से पुलिस ने किया बरामद !

बिहार के 12 वर्षीय भवेश का झारखंड में हुआ अपहरण, साहेबगंज के अपहरणकर्ताओं ने मांगे 80 लाख !भवेश को पीरपैंती रेलवे स्टेशन से पुलिस ने किया बरामद !

झारखण्ड के साहिबगंज जिले के जिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र अंतर्गत समलापुर मोहल्ले से रविवार की शाम सात बजे फिरौती के लिए एक 12 वर्षीय किशोर का अपहरण किए जाने का मामले मे पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुये महज 24 घंटे के भीतर पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद करने मे सफलता पायी है। पुलिस के अनुसार बच्चे को बिहार और झारखण्ड के बॉर्डर पीरपेंती से बरामद की है.

बताया जाता है कि बीते रविवार की शाम चार बजे भवेश कुमार नामक चार वर्षीय बालक खेलने के लिए घर से निकला था लेकिन घर वापस नहीं लौटा। बाद मे करीब सात बजे अपहरणकर्ताओं ने अपहृत बच्चे के फोन से ही 80 लाख रूपये मांग की l इस मामले को लेकर अपहृत किशोर भावेश कुमार के पिता लालबाबू यादव ने जिरवाबाड़ी ओपी में आवेदन देकर उसके बरामदगी की गुहार लगाई। जिरबाबाड़ी ओपी की पुलिस ने दिए गए आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस अब तक घटनास्थल के आसपास के इलाके में लगे कई सीसीटीवी फुटेज को खंगाला । साथ ही संदेहास्पद पाए गए सीसीटीवी फुटेज को जांच के लिए सुरक्षित ले गई । इधर साहिबगंज के एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुये एसडीपीओ के नेतृत्व मे तीन थाने के पुलिस टीम का गठन कर छापेमारी की कार्रवाई सुरु कर दीं। बच्चे के फोन को टेक्निकल सेल के माध्यम से बच्चे का पता भागलपुर जिले के पीरपैती के आसपास का लोकेशन मिला। इधर पुलिस के कार्रवाई को देख अपहरणकर्ताओ ने बच्चे को पीरपैती स्टेशन के पास छोड़ फरार हो गये.

क्या कहते है पिता

दरअसल अपहृत भावेश कुमार का पिता लाल बाबू यादव का पैतृक गांव बिहार के पीरपैंती थाना क्षेत्र अंतर्गत लक्ष्मण टोला गोविंदपुर है। वे साहिबगंज के आजाद नगर के सलमापुर मुहल्ले मे अपने दो बच्चों को पढ़ाने के लिए समलापुर में मकान बनवा कर पिछले कुछ समय से यहां रह रहा था, लेकिन वे अपने पैतृक गांव में है खेती बाड़ी और प्रेक्टिस करता है। दो बच्चों के पिता लालबाबू के मुताबिक अपहृत भावेश एक नीजी स्कूल साहिबगंज में कक्षा चार का छात्र पढ़ता है । रविवार की शाम तकरीबन 4 बजे घर के बगल में ही खेलने की बात कह कर घर से निकला था। वे अपने साथ एक मोबाइल भी ले गया था। इस बीच काफी देर तक भावेश घर नहीं लौटा, तो घर वालों ने उसकी खोजबीन की लेकिन कुछ भी पता नहीं चला। तब मां ने मोबाइल से भावेश के लापता होने की सूचना उसके पिता लाल बहादुर यादव को दी। उसी दौरान देर शाम तकरीबन 7 बजे लापता बच्चे भावेश की मोबाइल फोन से पिता लाल बहादुर यादव के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल के माध्यम से रुपए की फिरौती मांग की गई। इस कॉल के बाद रात करीब 9 बजे पिता लाल बहादुर ने जिरवाबाड़ी ओपी में लिखित शिकायत करते हुए बच्चे के अपहरण होने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि उनसे फिरौती के रूप में 80 लाख रुपए की मांग की गई है।हालांकि मीडिया के सामने फिरौती की मांग पर बात टाल गये।

 

इधर घटना की मिली शिकायत पर जिरवाबाड़ी ओपी के अवर निरीक्षक विक्रम कुमार घटनास्थल पर पहुंचकर वहां आसपास लगे कई सीसीटीवी कैमरे का फुटेज को खंगाला। मामले में तकनीकी सेल की सहायता से पुलिस अपहरणकर्ता तक पहुंच कर बच्चे की सकुशल बरामद की ।

क्या कहते है एसपी

जिले के एसपी अनुरंजन किसपोट्टा ने एक प्रेसवार्ता कर बताया कि पिछले सात मई को लाल बहादुर द्वारा सूचना मिली कि उसका बारह वर्षीय पुत्र भवेश कुमार का अपहरणकर्ताओ ने अपहरण कर फिरौती की मांग की है। इस सूचना के मिलते ही एसडीपीओ राजेंद्र दूबे के नेतृत्व मे तीन थाना मिर्जाचौकी, मुफ़शील और जिरबाबाड़ी ओपी के पुलिस की टीम का गठन कर बच्चे के सकुशल बरामदगी के रणनीति तैयार की। टीम ने टेक्निकल सेल और टीम के प्रयास से महज 24 घंटे के भीतर बच्चे को बिहार और झारखण्ड के बॉर्डर से अपहरणकर्ताओ के चंगुल से मुक्त कराने मे सफल रही. उन्होंने कहा कि अपहरणकर्ताओ की पहचान हो चुकी है जल्द ही पुलिस के गिरफ्त मे अपहरणकर्ता होंगे.

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