झारखंड की खबरेराजनीति

लोकसभा चुनाव नजदीक, किसी को जीत का भरोसा तो किसी ने माँगा आख़री मौका , माहौल अभी से बनना शुरू है

लोकसभा चुनाव नजदीक, किसी को जीत का भरोसा तो किसी ने माँगा आख़री मौका , माहौल अभी से बनना शुरू है

लोकसभा चुनाव नजदीक, किसी को जीत का भरोसा तो किसी ने माँगा आख़री मौका , माहौल अभी से बनना शुरू है

TEAM_JILLATOP : देश में 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग माहौल बनने शुरू हो गए हैं l इस खबर में हम बात गोड्डा लोकसभा सीट की करेंगे जिस पर इस वक्त बीजेपी का कब्जा है l इस सीट से गोड्डा में बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे जीतकर यहां का प्रतिनिधित्व करते हैं l निशिकांत दुबे तीन बार के बीजेपी के गोड्डा लोकसभा से सांसद है l बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दिग्गज नेता फुरकान अंसारी और प्रदीप यादव दोनों को हराकर तीन बार लगातार गोड्डा लोकसभा की सीट पर कब्जा कायम रखा है l लेकिन इस बार का समीकरण थोड़ा सा अलग होता नजर आ रहा है l

 

 

 

फुरकान अंसारी ने मांगा आखरी मौका

दिग्गज कांग्रेसी नेता फुरकान गोड्डा लोकसभा के पूर्व सांसद सह पूर्व की संयुक्त बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं l फुरकान अंसारी कुछ दिनों पहले अपने गोड्डा दौरे पर थे l
गोड्डा पहुंचकर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी एक सभा को संबोधित करते हुए बोले कि आप लोग खूब बढ़िया खूब खेले लेकिन याद रहे यह मेरा आखिरी चुनाव होगा और आप सब एकजुट भी हो जाएं l फुरकान अंसारी के शब्दों से साफ जाहिर होता है कि फुरकान अंसारी 2024 को लोकसभा चुनाव में अपना दमखम दिखाने एक आखरी बार चुनावी रणभूमि में उतरने की बात करते हुए नजर आ रहे हैं l

 

 

लगातार तीन बार से हारते आ रहे हैं प्रदीप यादव

एक समय था जब प्रदीप यादव भाजपा में एक बड़ा चेहरा हुआ करते थे l भाजपा से टूटे तो जेबीएम का दामन थामा l और जब जेबीएम का विलय बीजेपी में हो गया तब कथित तौर पर प्रदीप यादव कांग्रेस के साथ हो चलें l खास बात यह है कि अब तक प्रदीप यादव ने जितने बार भी लोकसभा का चुनाव लड़ा है उसमें पिछली तीन बार उन्हें निशिकांत दुबे के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है l आप यह भी कह सकते हैं कि बीजेपी के हाथों कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है l लेकिन इस बार चीजें और समीकरण थोड़ी उलट होती हुई दिखाई दे रही है l कारण है प्रदीप यादव के साथ-साथ दीपिका पांडे की भी एंट्री लोकसभा चुनाव में हो चुकी है l कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस की तरफ से इस बार प्रदीप यादव नहीं बल्कि दीपिका पांडे सिंह लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे l एक जमाने में मंत्री रह चुके और सांसद भी बने प्रदीप यादव आज कहीं ना कहीं अपने विधायकी तक ही सिमटकर रहते हुए नजर आ रहे हैं l

 

 

 

मास्टर प्लान के साथ लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है दीपिका पांडे सिंह

साल 2019 में जब दीपिका पांडे सिंह ने अपने विधानसभा चुनाव में अपना कैंपेन किया था, 2 लोगों ने एक पैर पर खड़े होकर बीजेपी के अशोक भगत को महागामा विधानसभा से नकारते हुए दीपिका पांडे सिंह को विधानसभा भेजा था l दीपिका पांडे सिंह इन दिनों राहुल गांधी के यूथ ब्रिगेड को सशक्त और मजबूत करते हुए दिखाई दे रही हैं l हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक के रूप में भी दिखाई दी थी l इसके पहले कांग्रेस उत्तराखंड और हिमाचल में चुनाव लड़ चुकी है, जिसमें दीपिका पांडे सिंह की अहम भूमिका थी l कहा यह भी जाता है कि दीपिका पांडे की पहुंच कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बहुत ही ज्यादा अच्छे हैं, जिसका फायदा उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट के रूप में मिल सकता है l

 

 

 

बीजेपी का चेहरा लगभग फिक्स लेकिन कांग्रेस का कौन होगा कप्तान पूरी टीम नहीं जानती

यह जगजाहिर है कि गोड्डा से बीजेपी के वर्तमान सांसद सिटींग कैंडिडेट है l और कोई भी पार्टी के अपने जीते हुए सीटिंग कैंडिडेट को छोड़कर किसी और पर दाव नहीं खेलना चाहती l लेकिन कांग्रेस में लोकसभा चुनाव की रेस में तीन दावेदार दौड़ते नजर आ रहे हैं l पहला नाम जो सबसे आगे इस रेस में है वह प्रदीप यादव का है l दूसरे स्थान पर महागामा से विधायक दीपिका पांडे सिंह हैं,जो इन दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर जोरों शोरों से लगी हुई है और आए दिन लोकसभा मैं कई दौरे भी करती हुई नजर आती हैं l और तीसरा नाम है पूर्व सांसद फुरकान अंसारी का जिन्होंने स्पष्ट रूप से गोड्डा में ही यह कह दिया कि यह मेरा आखिरी चुनाव है तो एकजुट रहिएगा l अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जहां यह दोनों धड़े एक दूसरे के आमने सामने खड़े हैं इन दोनों में जनता किसके साथ खड़ी है l बाहर हाल लोकसभा चुनाव में अभी मोटा माटी 1 साल का समय है लेकिन राजनीतिक पंडितों की माने तो ये वही आखरी साल है जिसमें सारे समीकरण बदल जाते हैँ l ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि 2024 में गोड्डा लोकसभा सीट पर किसका कब्जा कायम होता है l

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button