पार्टी एक – झंडे दो , रांची एयरपोर्ट पर आपस में कंफ्यूज हो गए जदयू कार्यकर्त्ता
पार्टी एक - झंडे दो , रांची एयरपोर्ट पर आपस में कंफ्यूज हो गए जदयू कार्यकर्त्ता

TEAM_JILLATOP : आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सारी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर बीजेपी को 2024 के होने वाले लोकसभा चुनाव में चुनावी पटखनी देने की तैयारी कर रही है l बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे थे l रांची पहुंचकर उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की साथ हीं प्रेस कॉन्फ्रेंस किया l लेकिन इस पूरी कहानी में एक दिलचस्प माजरा दिखाई दिया जो चर्चा का विषय बना हुआ है l हुआ यूँ की ज़ब नितीश और तेजस्वी राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां मौजूद जदयू कार्यकर्ताओं के हाथ में जदयू पार्टी के दो अलग-अलग तरह के झंडे दिखाई दिया l
किसी व्यक्ति के झंडे में तीर तो किसी के झंडे में ट्रैक्टर
एयरपोर्ट के बाहर सभी जदयू कार्यकर्ता नीतीश कुमार के आने का इंतजार कर रहे थे,सारी तैयारियां हो चुकी थी, हाथों में झंडे लिए लोग उनका इंतजार कर रहे थे, लेकिन जो झंडा लोगों के हाथों में था उनमे किसी में तीर की तस्वीर तो किसी में ट्रैक्टर चलाता हुआ किसान नजर आ रहा था l हालांकि जदयू पार्टी का जो आधिकारिक झंडा है उसमें ऊपर जदयू लिखा और बीच में तीर का निशान है l लेकिन दूसरा जो झंडा था उसमें ऊपर जदयू फिर एक किनारे नीतीश कुमार की बड़ी सी तस्वीर और एक ट्रैक्टर चलाता हुआ किसान नजर आ रहा था l थोड़ी देर के लिए तो कार्यकर्ता और पत्रकारों को ही समझ में नहीं आया यह हो क्या रहा है l
चुनाव आयोग से जेएमएम ने की थी शिकायत
चलिए अब आपका कन्फ्यूजन थोड़ा दूर करते हैं और आपको बताते है कि दरअसल मामला क्या है l हुआ यूँ की 2019 के विधानसभा चुनाव में जदयू पार्टी बिहार के अलावा झारखंड में भी अपनी किस्मत आजमा चुकी है l लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में ज़ब जदयू अपना प्रचार प्रसार कर रही थी तब झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव आयोग को लिखित में शिकायत कर यह बताया था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और जनता दल यूनाइटेड दोनों के झंडे में तीर है l इसी बाबत चुनाव आयोग ने झारखंड में जदयू के झंडे का चिन्ह तीर से बदलकर ट्रैक्टर चलाता हुआ किसान कर दिया l
सुदूर क्षेत्र के आदिवासी थे कारण
शायद ही कोई ऐसा हो जिसे यह नहीं पता कि झामुमो का 50% वोट बैंक दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले आदिवासी वोटर है l कई जगह तो स्थिति इतनी खस्ताहाल है जहां पार्टियों को जाकर यह बताना पड़ता है कि आपको चुनाव में हमारे इस चिन्ह को देख कर ही अपना वोट देना है l यही कारण है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और जनता दल यूनाइटेड दोनों के झंडे में पहले तीर हुआ करता था जिसकी शिकायत झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव आयुक्त से की l ताकि जिन आदिवासी वोटरों को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यह समझाया था वो तीर वाले चुनाव चिन्ह पर वोट दें, वो झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़कर कहीं जनता दल यूनाइटेड को ना वोट नहीं दे आए l
बरहाल पूरा मामला चाहे जो भी हो लेकिन कुछ देर के लिए रांची एयरपोर्ट पर जो नजारा दिखाई दिया वह अपने आप में दिलचस्प था l नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव झारखंड की राजधानी रांची आकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एकजुटता की बात करते नजर तो आए l लेकिन पूरी कहानी में हेमंत सोरेन ने अब तक अपना स्टैंड आने वाले लोकसभा चुनाव में क्लियर नहीं किया है l यह देखने लायक होगा कि आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव में हेमंत सोरेन विपक्षी एकता की बिगुल में शामिल होते हैं या फिर जो जैसा चल रहा है वैसा चलता रहेगा l