जानिए भारत के 15वी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जन्म,परिवार ,बच्चे और राजनीतिक कैरियर के बारे में

कौन हैं द्रौपदी मुर्मू ?

द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला आदिवासी राज्यपाल बनी. बतौर राज्यपाल झारखण्ड में इनका कार्यकाल 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक का रहा है. श्रीमति मुर्मू झारखंड में सबसे लंबे समय तक कार्य करने वाली राज्यपाल भी हैं. इन्होंने 6 साल से भी अधिक समय तक झारखण्ड में राज्यपाल के पद पर काम किया है.
जन्म –
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को मयूरभंज, राज्य उड़ीसा में हुआ था. वर्तमान में सुश्री मुर्मू की आयु 64 वर्ष की है. गौरतलब है कि भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार की आयु न्यूनतम 35 वर्ष की होनी आवश्यक है.
शिक्षा और करियर –
श्रीमति मुर्मू ने रमा देवी महिला महाविद्यालय, भुवनेश्वर से ग्रेजुएशन किया है.
श्रीमति मुर्मू उड़ीसा राज्य की भारतीय जनता पार्टी की नेता हैं.
परिवार, विवाह और बच्चे –
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के पूर्व मंत्री दिवंगत बिरंची नारायण टुडू की बेटी हैं. श्रीमति मुर्मू के पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है. परन्तु कम उम्र में हीं श्रीमति मुर्मू के पति श्याम चरण मुर्मू का निधन हो गया था. उनके तीन बच्चों में से दोनों बेटों की मौत भी असमय हीं हो गई थी. श्रीमति मुर्मू की बेटी इतिश्री मुर्मू जो रांची में रहती हैं, वही उनकी एकमात्र जीवित संतान हैं. इतिश्री मुर्मू के पति का नाम गणेश चंद्र हेम्बरम है.
सतत कार्यशील राजनीतिक जीवन, कुछ झलकियाँ –
सुश्री मुर्मू का राजनीतिक करियर 2 दशकों से अधिक पुराना है. आइए एक नज़र डालते है –
द्रौपदी मुर्मू के राजनीतिक जीवन का प्रारम्भ, साल 1997 में तब हुआ जब उन्होंने रायरंगपुर नगर पंचायत का चुनाव जीता और वार्ड पार्षद के लिए चुनी गयी. तब उन्हें नगर पंचायत का उपाध्यक्ष बनाया गया था.
श्रीमति मुर्मू साल 2000 तथा साल 2009 में रायरंगपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर दो बार विधायक रह चुकी हैं.
वे वर्ष 2000 से वर्ष 2004 तक ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर क्षेत्र की विधायक तथा राज्य सरकार में मंत्री पद पर कम कर चुकी हैं.
द्रौपदी मुर्मू पहली उड़िया महिला नेत्री हैं जिन्हें किसी भारतीय राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया गया.
श्रीमति मुर्मू भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल की गठबन्धन सरकार में 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक कॉमर्सिअल और ट्रांसपोटेर्शन (वाणिज्य एवं परिवहन विभाग) की स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं.
इसके अलावा उन्होंने 6 अगस्त सन 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के पद पर भी काम किया है.
श्रीमति मुर्मू ने सन 2009 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था. 18 मई वर्ष 2015 में इन्होंने झारखंड राज्य के राज्यपाल का पद भार संभाला.
द्रौपदी मुर्मू का नाम वर्ष 2017 में भी राष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में आया था, तब वे झारखंड के राज्यपाल के पद पर कार्यरत थीं.
पुरस्कार –
द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा विधानसभा के द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
वर्ष 2007 में, द्रौपदी मुर्मू को “नीलकंठ पुरस्कार” से सम्मानित किया गया था.