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अरबपति परिवार की बहु 87 साल की उम्र में वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर

अरबपति परिवार की बहु 87 साल की उम्र में वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर

मां-बाप बच्चों को पढ़ाने लिखाने और सक्षम बनाने के बाद सोचते हैं कि अब उनका जीवन सफल हो गया है और उनकी जिम्मेदारी खत्म हो चुकी है साथ ही उनके बच्चे बुढ़ापे में उनका सहारा बनेंगे लेकिन आपने कई ऐसे भी कलयुगी संतानो की कहानी सुनी होगी, जिन्होंने सफल होने का बाद अपने बूढ़े मां-बाप को पूछना तक छोड़ दिया। ऐसी ही एक बुजुर्ग महिला की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो कभी करोड़ों की मालकिन हुआ करती थी लेकिन अब वह अपनी ज़िंदगी का आखिरी वक्त वृद्धाश्रम में बिताने मजबूर है।

आगरा के नामी आंखों के अस्पताल के संस्थापक रहे गोपीचंद अग्रवाल की पत्नी विद्या देवी इन दिनों बेबसी का जीवन जी रही हैं। मीडिया से बात करते हुए विद्या देवी ने बताया कि उन्होंने अपने चारों बेटों के पालन-पोषण में किसी तरह की कोई कमी नहीं रखी। उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर उनकी शादी कराई, तब तक उनका जीवन रॉयल चल रहा था। वह करोड़ों की कोठी में रहा करती थी लेकिन पति की मौत के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया।

 

विद्या देवी ने कहा कि पति के मौत के बेटों ने संपत्ति में बंटवारा कर लिया लेकिन मां को कुछ नहीं दिया। कुछ दिन तो वह ऐसे रहीं लेकिन बाद में बहू उन्हें इतने ताने मारने लगी कि वह अपने दूसरे बेटे के पास रहने चली गईं। इस तरह से चलता रहा लेकिन यह ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया। विद्या देवी ने बताया कि यहां रहने के दौरान किसी ने कहा कि उनके कपड़ों से बदबू आती है तो किसी ने उन्हें गंगा तक में फेंकने की बात की। इन सब बातों से के बीच बेटे विद्या देवी से मारपीट तक करने लगे और धक्के मार कर से बाहर कर दिया।

विद्या देवी ने यह भी बताया कि जब इस बात की जानकारी कुछ लोगों को हुई तो उन्होंने बेटों को बहुत समझाने का प्रयास लेकिन बेटों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। जिसके बाद अग्रवाल महिला मंच की अध्यक्ष शशि गोयल उन्हें रामलाल वृद्धा आश्रम लेकर चली गईं। तब से वह वृद्धाआश्रम में ही रह रही हैं। उनकी यह स्टोरी वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग कई तरह के सवाल उठा रहे हैं।

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