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सर से उठा पिता का साया।माँ ने दूध बेच बेटी को पढ़ाया।पहले ही attempt में पास की BPSC।

गोड्डा गांधीनगर की निशा राय ने बीपीएससी में सफलता हासिल की है। निशा राय को बीपीएससी में 567वा स्थान मिला है।।महत्वपूर्ण बात यह है कि निशा ने बीपीएससी की तैयारी गोड्डा जैसे छोटे जगहों में ही रहकर की है।
हाथों में पिता की तस्वीर लिए निशा कहती है कि जब वह छठी क्लास में पढ़ती थी तो सर से पिता का साया उठ गया था। घर में मां के साथ तीन बहने थी जिसकी जिम्मेदारी मां और बड़ी बहन ने उठाई।

 

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बड़ी बहन निशा को पढ़ाने के लिए खुद पढ़ाई छोड़ नौकरी पर लग गई। अब जब निशा ने बीपीएससी क्वालीफाई किया है तो बड़ी बहन ने master’s के लिए आवेदन भरा है।निशा बताती है कि प्रारंभिक शिक्षा उसकी गोड्डा में ही हुई और फिर हजारीबाग,रांची और वापस बीपीएससी की तैयारी करने वो गोड्डा ही आ गई थी।

 

निशा ने बताया कि परिवार चलाने के लिए माँ ने गाय खरीदा, गाय के दूध को बेचकर परिवार चलाया गया। और खुद निशा भी आसपास के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर घर की आजीविका चलाती थी!निशा बताती है कि अगर आपके अंदर विश्वास और संकल्प हो तो बीपीएससी और यूपीएससी करने के लिए आपको किसी बड़े शहर में जाने की जरूरत नहीं है आप घर बैठे भी ऑनलाइन माध्यम से सभी शिक्षा ले सकते हैं।और निशा ने भी ऑनलाइन ही पढ़ाई की है।
निशा ने बताया कि उसने यूट्यूब पर क्लासेस ले BPSC की तैयारी की। दिन के 4 से 5 घंटे निशा अपने कमरे में पढ़ाई करती थी।

 

 

एक वाक्या को याद करते हुए निशा की मां सीता देवी बताती है कि उसने घर में अंदर के रुम में दरवाजा इस वजह से लगाया।ताकि निशा दरवाजा बंद कर पढ़ाई कर सके। और बाहर की आवाज अंदर नही पहुँचे।मां ने बताया कि उस दरवाजे को लगाने के लिए दुकानदार से गाय के दूध के कीमत पर दरवाजा खरीदा।यानी दरवाजे की एवज में दुकानदार को निशा की माँ ने गाय का दूध दिया।औऱ फिर घर पर दरवाजा लगा

निशा ने बताया कि उसे रूलर डेवलपमेंट का विभाग मिला है। जहां वह पूरी तत्परता से अपनी जिम्मेदारी निभाएगी। उसने बताया कि उसका सपना यूपीएससी है।आने वाले समय में वह upsc के भी परीक्षा में बैठ शहर और परिवार का नाम रौशन करना चाहती हैं।

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