
गोड्डा:-मौत के कुएं में ज़िन्दगी जीने के जिद्द की ये कहानी है।ये कहानी किसी जादू-टोना,तंत्र मंत्र की नही बल्कि बैलेंसिंग का है
इस खेल का नाम ही मौत के कुवे का खेल है।जिसमे करतब करने वाले कलाकार दीवारों पर बाइक औऱ कार चलाते हैं।
2 वर्ष से जब गोड्डा में मेले का आयोजन नही हुआ था तो इस वर्ष मेले में मौत के कुएं के खेल चल रहा है।
करतब दिखाने वाले कलाकार बताते हैं कि करीबन 10 साल से वो प्रक्टिस कर रहे और ऐसा खेल दिखा रहे है।
सिर्फ लड़के ही नही बल्कि लडकिया भी दीवारों पर बाइक चलाती हैं।4 बाइक औऱ 2 कार दीवारों पर एक साथ चलाई जाती हैं।
चलाने वाले विशाल कुमार बताते है की जैसे सड़को पर गाड़िया चलती है वैसे वो दीवारों पर भी चलाते हैं।
बिहार के रहने वाले रामविलास कुमार बताते हैं की वो 12 सालों से ये काम कर रहे है अब आदत सी हो गई हैं।1 साथ 7 गाड़िया चलाई जाती हैं।प्रक्टिस में थोड़ा डर होता था पर अब एक्सपर्ट हो गई।व्व बताते हैं कि पेट का सवाल है इस वजह से भी मौत का दाव लगा खेल दिखाना पड़ता है।उनकी माने तो इस खेल को दिखाने के लिए उन्हें 1000 रोज मिलते हैं।