धर्म

कल है विश्वकर्मा पूजा जाने क्या है पूजा करने का सटीक समय…

हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। मान्यता है कि सोने की लंका का निर्माण उन्होंने ही किया था। इनकी ऋद्धि सिद्धि और संज्ञा नाम की तीन पुत्रियाँ थी जिनमें से ऋद्धि सिद्धि का विवाह भगवान चंद्रशेखर और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र भगवान गणेश से हुआ था तथा संज्ञा का विवाह महर्षि कश्यप और देवी अदिति के पुत्र भगवान सूर्यनारायण से हुआ था यमराज , यमुना , कालिंदी और अश्वनीकुमार इनकी ही संताने हैं।

कौन है भगवान विश्वकर्मा ..?
हर साल विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर को मनाई जाती है. इस दिन सृष्टि का पहला इंजीनियर माने जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा होती है. विश्वकर्मा जयंती पर लोग अपने दफ्तरों, कारखानों में मशीनों, औजारों और निर्माण कार्यों में काम आने वाले उपकरण, वाहनों की पूजा कर कार्य में तरक्की की प्रार्थना करते हैं.

विश्वकर्मा पूजा के बारे में कहा जा रहा है कि इस बार 5 साल के बाद या अद्भुत संजोग बना है । ब्रह्मा जी के मानस पुत्र और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा करने से व्यापार में वृद्धि होती है । ऐसा माना जाता है कि जो भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा करते हैं उसे व्यापार में निश्चित रूप से वृद्धि मिलती है और उनका व्यापार सदैव तरक्की करते रहता है ।

कब करें पूजा अर्चना ..?
इस बार विश्वकर्मा पूजा तीन पहर में किया जा सकता हैं ।
विश्वकर्मा जी की पूजा सटीक समय पर सही तरीके से करने से व्यवसाय में निश्चित रूप से तरक्की और कभी भी व्यवसाय में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है।

17 sep 2022 के शुभ योग

सुबह का मुहूर्त – 07.39 AM – 09.11 AM

दोपहर का मुहूर्त – 01.48 PM – 03.20 PM

तीसरा मुहूर्त – 03.20 PM – 04.52 PM

विश्वकर्मा पूजा में लोग अपने दुकानों में पूजा करते हैं । इस दिन सभी मशीन से जुड़े सामानों की पूजा करते हैं।

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