यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करना गूगल को पड़ा महंगा, 773 करोड़ रुपए का दिया जुर्माना
बिना अनुमति यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करना गूगल को पड़ा महंगा, 773 करोड़ रुपए का दिया जुर्माना

यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करना गूगल को पड़ा महंगा, 773 करोड़ रुपए का दिया जुर्माना
गूगल द्वारा यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक किया जाता है। गूगल का ऐसा करने का उद्देश्य सेवाओं को और बेहतर बनाना होता है। कई बार आप देखते होंगे कि आप किसी चीज के बारे में बात करते हैं और फिर उसके बाद आपको वही चीज सोशल मीडिया पर देखने को मिलती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह कंपनियां आपके डाटा को ट्रैक करती है। हालांकि यह कंपनी आपसे परमिशन लेकर ऐसा करती है। लेकिन कई बार जब आप परमिशन को बंद कर देते हैं तो उसके बाद भी यह कंपनियां आपके डाटा को ट्रैक कर लेती है। ऐसा ही मामला कैलिफोर्निया में देखने को मिला है जिसमें एक यूजर ने गूगल पर आरोप लगाया कि बिना उसकी अनुमति के गूगल ने उसके लोकेशन को ट्रैक किया।
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने इस विषय को लेकर मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि की गूगल ने बिना उसके अनुमति के उसके लोकेशन को ट्रैक किया है। उनका कहना है कि लोकेशन ऑफ करने के बाद भी उनका लोकेशन ट्रैक होता रहा। अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने बताया कि कंपनी का दावा है कि यूजर्स के डाटा ना ट्रैक करने की एक विकल्प देती है। इस विकल्प को चुनने के बाद कंपनी आपके डाटा को ट्रैक नहीं करती है। लेकिन सच्चाई बिल्कुल इसके विपरीत है कंपनी अपने कारोबारी फायदे के लिए यूजर्स के हर डाटा को ट्रैक करती है।
गूगल ने इन आरोपों को मानने से इनकार कर दिया। हालांकि गूगल 773 करोड़ रुपए का जुर्माना देने को तैयार हो गई। साथ ही प्राइवेसी के उपाय को और बढ़ाया जाएगा। इसके तहत कंपनी अब यूजर्स का डाटा इस्तेमाल करने से पहले यूजर्स को नोटिफिकेशन भेज देगी।